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कोरोना की लड़ाई में पर्यावरण का सहारा लेना चाहिये जंगल ही पृथ्वी का अलंकार है

हिन्द संबाद आसनसोल इम्तियाज़ खान : हिन्द संबाद ग्रुप समाचार पत्र पोर्टल और भी ग्रुप के समाचार माध्यमों के तरफ से कोरोना वायरस से भारत की लड़ाई में हम पूर्ण रूप से सहभागी हैं। इस कठिन समय में अपनी जिम्मेदारी का पूर्णतः पालन करते हुए हमारा हरसंभव प्रयास है कि तथ्यों पर आधारित खबरें ही प्रकाशित हों। हम स्व-अनुशासन में भी हैं और सरकार की ओर से जारी सभी नियमों का पालन भी हमारी पहली प्राथमिकता है। इसके साथ साथ कुछ अपनी भी जिम्मेवारी है कोरोना काल में लोग ऑक्सीज़न की कमी से झूझ रहे है ऐसे में जरूरी है प्राकृति के नियमो का पालन हो जो मानव धर्म से ही किया जा सकता है पर मानवता तो है ही नहीं। आज सिर्फ राजनीति का मतलब सत्ता का सुख भोगना पर राजनीती का मतलब जिंदगी के हर पहलुओ से होना चाहिए। जिंदगी के लिए चाहिए जल, जीवन ,जंगल पर इसे बचाने के बजाय इन चीजों को खत्म किया जा रहा है किसे फ़िक्र है जिस काम को करने से पृथ्वी बचे । पृथ्वी और मानवता के सामने उपस्थित संकटों के समाधान खोजना सुदर्शन, सजीला और नफासत से भरा व्यक्तित्व, मनुष्य जीवन के सामने उपस्थित चुनौतियों से व्यथित रहता राजनीति का मतलब इस पृथ्वी और मानवता के सामने उपस्थित संकटों के समाधान खोजना था। आज जब कोरोना के संकट से समूचा दुनिया सवालों घिरी है, ऐसे में राजनीती में दो हस्ती आसनसोल में है जो पर्यावरण को समय की मांग समझ कर पर्यावरण पर गंभीरता से काम करे वे है ।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री बबूल सुप्रियो और पश्चिम बंगाल में केबिनेट मंत्री मलय घटक जिन्हे कानून के साथ साथ पीडब्लूडी की महत्त्वपूर्ण जिम्मेवारी मिली है जो पीडब्लूडी विभाग में भी वन बिभाग है जिसके द्वारा पीडब्लूडी के ज़मीनो पर वन पर्यावरण का काम किया जाना चाहिए तो राजनीति का मतलब इस पृथ्वी और मानवता के सामने उपस्थित संकटों के समाधान खोजा जा सकता है समस्या का समाधान किया जा सकता है आज मनुष्य जीवन के सामने उपस्थित चुनौतियों का सामना किया जा सकता है जिंदगी को प्रकृति से जोड़ने और उसके साथ सहजीवन कायम करने की कला को ही अशली जिंदगी कह सकते है पर्यावरण को समय की मांग समझ कर पर्यावरण पर गंभीरता से काम करना ही मानवता का परिचय है और जो आज ऑक्सीज़न की कमी है उसे इसी वन और पर्यावरण के जैरिये पूरा किया जा सकता जो एक प्राकृति श्रोत है इस बिषय को गंभीरता से लेने की जरूरत है वे है बचाव पृथ्वी और मानवता की जल, जीवन ,जंगल की सोचे समझे और काम करे। कोरोना की लड़ाई में पर्यावरण का सहारा लेना चाहिये जंगल ही पृथ्वी का अलंकार है कोरोना को हराने के लिए पर्यावरण को सवारे सजाये

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