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जगमोहन का निधन जम्मू-कश्मीर में बतौर राज्यपाल जगमोहन की छवि एक सख्त प्रशासक की थी

हिन्द संबाद जम्मू एजेंसिया . जम्मू कश्मीर के भूतपूर्व राज्यपाल एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जगमोहन का निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे राष्ट्र की अपूरणीय क्षति बताया है। जगमोहन का पूरा नाम जगमोहन मल्होत्रा था।

वो केंद्र के कई विभागों के मंत्री और कई राज्यों के राज्यपाल रहे थे। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के प्रति कड़क छवि रखने वाले जगमोहन को तीनों पद्म पुरुष्कारों से नवाजा गया था। जगमोहन मल्होत्रा का जन्म 1927 में हाफिजाबाद में हुआ था जो अब पाकिस्तान में हुआ था। इंदिरा गांधी ने जब देश में आपातकाल की घोषणा की थी तो जगमोहन को राजधानी दिल्ली को सजाने-संवारने का काम सौंपा था। वो दिल्ली एक उप-राज्यपाल भी नियुक्त किए गए। बाद में गोवा, दमन और दीव के राज्यपाल भी बनाए गए। जम्मू-कश्मीर में बतौर राज्यपाल जगमोहन की छवि एक सख्त प्रशासक की बनी। 1990 में जब वो दूसरी बार जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बनाए गए तब वहां आतंकवाद जोर पकड़ रहा था और कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हो चुका था। तब उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कड़े ऐक्शन का हुक्म दिया। वो आर्टिकल 370 को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की जड़ मानते थे। वो कहा करते थे कि आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर के संभ्रांत वर्ग को फायदा पहुंचाता है जबकि इसकी आड़ में गरीब तबके का हक मारा जाता है। जगमोहन का जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में पहला कार्यकाल 1984 से 1989 के बीच रहा था। 1989 में ही देश के तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद का आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। तब जगमोहन के दोबारा वहां का गवर्नर बनाया गया। उन्होंने सुरक्षा बलों को घर-घर तलाशी लेने का आदेश दे दिया। इससे खफा तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने पद से इस्तीफा दे दिया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया। जगमोहन आखिरी बार खबरों में तब आए जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद देश की जानी-मानी हस्तियों से समर्थन हासिल करने का अभियान छेड़ा। तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जगमोहन के घर जाकर मिले थे।

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