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अवैध खनन के वजह से कोल इंडिया के खदानों को खतरा जल्द उत्पादन सुरु होगा नर्समुदा कोलियरी में

हिन्द संबाद आसनसोल इम्तियाज़ खान : कोल इण्डिया हो या किसी भी सरकारी खदान हो सरकार एक योजना के तहत काम करती है की काम भी हो और किसी की नुकसान भी न हो इसी क्रम में सरकारी खनन कम्पनिया योजना बना कर काम करती है पर जहा अवैध खनन का मामला हो वहां सावधानी नहीं होती बल्कि ज्यादा से ज्यादा कोयला का उत्पादन हो सुरक्षा से कोई मतलब नहीं न हीं डीजीएमस के नियमो का पालन का ख्याल सिर्फ कोयला निकलना न ही प्रसिक्षित माइनिंग के लोग न ही सुरक्षा का ख्याल सिर्फ कोयला जिसके कारण कई बार अवैध खनन करते वक़्त स्थानीय लोगो की मौत भी हो गई है फिर भी लोग अवैध खनन करने से बाज़ नहीं आते है इसी का परिणाम है की इस वर्ष बारिस इतना ज्यादा हुई की सोदपुर एरिया अंतर्गत नर्समुदा कोलियरी में जल ऋषव होने लगा और देखते देखते एक रात को नर्समुदा कोलियरी की भूमिगत खदान में अचानक भारी मात्रा में पानी भर आया। इस पानी में खदान के पश्चिम क्षेत्र में रखा हुआ यंत्र तथा खदान का बड़ा हिस्सा डूब गया। बारिश की संभावना को देखते हुए रात पाली में श्रमिक खदान में नहीं उतरे थे। अगर उस वक्त खदान के अंदर श्रमिक होते तो एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी पर कोलवारी प्रबंधन के तत्परता से श्रमिकों को पाली में जाने से रोका गया की ज्यादा पानी हो रही है इस पाली में कोई न जाय और श्रमिक उस रत खदान में नहीं गए थे दुर्घटना से बचाव हुआ लेकिन पानी इस तरह हुआ की खदान के अंदर मशीन के साथ साथ कई खनन यन्त्र पानी में दुब गया था । इस घटना के बाद खदान से कोयला का उत्पादन बंद कर दिया गया है। इस संबंध में एक स्थानीय श्रमिक नेता ने कहा था कि पास ही स्थित अवैध खदान के कारण बने हुए सुरंग से पानी कोलियरी के खदान में घुसा है । इसके कारण काफी नुकसान भी हुआ है। इस कारण सोदपुर एरिआ ऑफिस में जैक के साथ एरिया महाप्रबंधक के साथ बैठक हुई और खदान से पानी निकलने के लिए चर्चा हुई ताकि जल्द से जल्द खदान के अंदर जमा पानी को निकला जा सके और उत्पादन जल्द से जल्द की जा सके इसके साथ ही खदान में घुसे पानी को निकालने के लिए पंप लगाने की मांग की । ताकि खदान से कोयला उत्पादन किया जा सके। जल्द उत्पादन शुरू हो सके इसी कारण तत्कालीन प्रभाव में तीन पम्प चल रहे है और भी पम्प लगाने का निर्णय एरिया प्रबंधन के तरफ से लिया गया । यहां लगभग 600 कर्मी हैं, रोजाना 300 से 350 टन कोयला उत्पादन होता है। एक और श्रमिक नेता ने कहा कि यहां खदान में श्रमिक हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गए। इस घटना के लिए जहां केंद्र सरकार की भूमिका संदेहजनक है। वहीं राज्य सरकार तथा स्थानीय प्रशासन भी जिम्मेदारी का पालन नहीं कर रही है। राज्य सरकार ने 2011 से 2013 तक अवैध खनन को बंद कर दिखाया था कि सरकार चाहे तो अवैध खनन बंद हो सकता है। कुल मिला कर अवैध खनन के वजह से कोल इंडिया के खदानों को खतरा महाप्रबंधक का बड़ा फैशला जल्द उत्पादन सुरु होगा नर्समुदा कोलियरी में।

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