Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on email

चीन विस्तारवादी नीतियों पर लगाम कसने की बजाय चीन लगातार इसपर आगे बढ़ता जा रहा है

हिन्द संबाद गुवाहाटी एजेंसिया . भारत-चीन के बीच लद्दाख और अरुणाचल में तनाव जारी है। अपनी विस्तारवादी नीतियों पर लगाम कसने की बजाय चीन लगातार इसपर आगे बढ़ता जा रहा है। जमीन पर जारी गतिरोध के बीच अब चीन जल क्षेत्र में भी भारत से पंगा लेने की फिराक में है। ‘एशिया टाइम्स’ की खबर के मुताबिक, चीन यारलुंग ज़ंगबाओ नदी पर बांध बनाने की तैयारी में है। यही नदी भारत में बहकर आने पर ब्रह्मपुत्र बनती है। अगर इस नदी पर चीन बांध बनाता है तो इससे भारत के साथ ही बांग्लादेश का जल बहाव भी प्रभावित होगा। चीन ने बांध बनाने से पहले जल संधि को दरकिनार कर दोनों ही पड़ोसी देशों से चर्चा तक नहीं की है। अगर चीन बांध बनाता है तो उसका ये कदम दोनों देशों कोजल युद्ध की तरफ ले जा सकता है। एशिया टाइम्स के मुताबिक, बांग्लादेश, जो चीन के साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंध रखता है, उसने भी यारलुंग ज़ंगबाओ डैम का विरोध किया है। क्षेत्रीय मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि इस बांध के बनने के बाद चीन वितरण के लिए तीन गुना अधिक बिजली पैदा करेगा। ब्रह्मपुत्र और ग्लेशियर दोनों ही चीन में उत्पन्न होते हैं। नदी के ऊपरी क्षेत्र में होने की वजह से चीन फायदे की स्थिति में है और पानी के बहाव को जानबूझकर रोकने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण कर सकता है। पहले भी चीन अपनी जल विद्युत परियोजनाओं का विवरण देने में अनिच्छुक रहा है।
ब्रह्मपुत्र ( चीन का यारलुंग ज़ंगबाओ कहा जाता है) के साथ चीन की बांध-निर्माण और जल विभाजन की योजना दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव का एक कारण है। केवल भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य देश भी इस मामले में परामर्श न किए जाने के कारण चीन से खफा हैं। चीन ने मेकांग, लाओस, थाइलैंड, कंबोडिया और वियतनाम में पहले सूचना दिए बिना मेकांग नदी पर ग्यारह मेगा-बांध बनाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर के अंत में, चीन ने दक्षिणी युन्नान प्रांत के जिंगहोंग शहर के पास अपने उपकरणों का परीक्षण करने के लिए एक बांध से पानी के बहाव को घटाकर 1,904 घन मीटर से 1,000 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड कर दिया। अपने इस कदम के बारे में नीचे के देशों को सूचित करने में चीन ने एक हफ्ते का समय लिया। इतना समय उनकी तैयारी के लिए काफी नहीं था। अब भारत के साथ भी चीन वैसा ही करने की कोशिशें कर रहा है। इससे पहले, चीन पिछले साल जून में भारत के साथ लद्दाख में भिड़ गया था और भूटान के साथ सीमा पर सड़क निर्माण को लेकर भी दोनों देशों के बीच गतिरोध की स्थिति बनी।

Latest News