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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा हिसाब शेष आबादी का कैसे और कब होगा टीकाकरण

हिन्द संबाद नईं दिल्ली संवाददाता: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वेंद्र सरकार को आदेश जारी किया है कि वह अब कोविड-19 वैक्सीन की खरीद के संबंध में विस्तृत विवरण मुहैया कराए और बाकि आबादी को कैसे और कब होगा टीकाकरण। अदालत ने वेंद्र से कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पूतनिक वी तीनों की वैक्सीन के बारे में जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने जो विवरण मांगा है उसमें तीनों ही वैक्सीन की खरीद की तारीख, हर तारीख में खरीदी गईं वैक्सीन की संख्या और वैक्सीन की सप्लाईं की संभावित तारीख की जानकारी मांगी है। शीर्ष अदालत ने वेंद्र से ये भी पूछा है कि वह 1, 2 और 3 चरण में शेष आबादी का टीकाकरण वैसे और कब करेगी, अदालत ने इसका भी पूरा विवरण मांगा है। इसके अलावा, कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी जानकारी मांगी है कि वह म्यूकरमाइकोसिस की दवा की उपलब्धता बनाए रखने के लिए वह क्या कदम उठा रही है। देश में कोविड-19 से जुड़े मुद्दों को संबोधित करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा दायर एक स्वत: संज्ञान मामले में जस्टिस डीवाईं चंद्रचूड़, एल नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट की खंडपीठ द्वारा यह पैसला जारी किया है। विशेष पीठ ने कहा, वेंद्र सरकार अपना हलफनामा दाखिल करते समय यह भी सुनिाित करेगी कि टीकाकरण नीति पर उसकी सोच को दर्शाने वाले सभी प्रासंगिक दस्तावेज तथा फाइल नोटिग की प्रतियां टीकाकरण नीति के साथ संलग्न हों। सुप्रीम कोर्ट ने 18-44 आयु वर्ग के टीकाकरण पर वेंद्र की नीति को मनमाना और तर्वहीन बताते हुए कहा कि वर्तमान में उस आयु वर्ग के लोग न केवल संव्रमित हो रहे हैं, बल्कि अस्पताल में भता होने और मृत्यु सहित संव्रमण के गंभीर प्रभावों से पीिड़त हो रहे हैं। अदालत ने महामारी की बदलती प्रवृति पर प्रकाश डाला और कहा कि इसने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है जहां इस कम आयु वर्ग को भी टीकाकरण की आवश्यकता है। हालांकि, अदालत ने कहा कि वैज्ञानिक आधार पर विभिन्न आयु समूहों के बीच प्राथमिकता को बरकरार रखा जा सकता है। अदालत ने अपने आदेश में कहा, इसलिए, 18-44 आयु वर्ग में व्यत्तियों के टीकाकरण के महत्व के कारण, पहले दो चरणों में वेंद्र सरकार की खुद टीकाकरण कराने नीति और इसे बदलकर राज्य/वेंद्रशासित प्रदेश सरकारों द्वारा या 18-44 वर्ष के बीच के व्यत्तियों के लिए निजी अस्पताल में भुगतान कर टीकाकरण प्रथम दृष्टया, मनमानी और तर्वहीन है। कदम म्यूकरमाइकोसिस की दवा की उपलब्धता बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए .संलग्न फाइल नोटिग की प्रतियां टीकाकरण नीति के साथ संलग्न हों।

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