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रजनीकांत ने सोमवार को साफ तौर पर कहा कि वह राजनीति में प्रवेश नहीं करेंगे हैदराबाद की घटना को ईश्वर की चेतावनी बताते हुए राजनीति में नहीं आने के फैसले की

हिन्द संबाद एजेंसिया । अभिनेता रजनीकांत ने सोमवार को साफ तौर पर कहा कि वह राजनीति में प्रवेश नहीं करेंगे। उन्होंने अपने प्रशंसकों से कहा कि राजनीति में आने के लिए बार-बार उन पर दबाव डालकर वे उन्हें और तकलीफ नहीं पहुचाएं और न ही इस पर पुनर्विचार के लिए कोई कार्यक्रम आयोजित करें। अभिनेता (70) के प्रशंसकों ने एक दिन पहले यहां प्रदर्शन करते हुए उनसे अपना फैसला बदलने का अनुरोध किया था। रजनीकांत ने कहा कि वह पहले ही राजनीति में नहीं आने के अपने निर्णय की वजह बता चुके हैं।अभिनेता ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, ‘‘कृपया राजनीति में आने के लिए मुझ पर दबाव डालने के मकसद से ऐसे कार्यक्रम आयोजित नहीं करें और न ही मुझे तकलीफ दें।’’ उन्होंने कहा कि रविवार को कुछ लोगों ने रजनी मक्कल मंद्रम (आरएमएम) के निष्कासित पदाधिकारियों और सदस्यों के साथ मिलकर कार्यक्रम आयोजित किया था। वल्लूवर कोट्टम में कार्यक्रम के आयोजन के दौरान अनुशासन बरतने और नियमों का पालन करने के लिए उन्होंने आयोजकों की प्रशंसा की। हालांकि उन्होंने नाराजगी जतायी कि इसका आयोजन हाई कमान की इजाजत के बगैर किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल नहीं होने वाले आरएमएम के सदस्यों का शुक्रिया अदा किया।रजनीकांत के प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर अभिनेता से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए वल्लूवर कोट्टम में कार्यक्रम के आयोजन और उसमें अधिक से अधिक संख्या में जुटने का आह्वान किया था। रक्तचाप में उतार-चढ़ाव के कारण हैदराबाद में अस्पताल में भर्ती होने के बाद अभिनेता ने 29 दिसंबर को कहा था कि वह कोरोना वायरस महामारी और अपनी स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए राजनीति में प्रवेश नहीं करेंगे। अभिनेता ने 2016 में गुर्दे का प्रतिरोपण कराया था और वह रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए दवा लेते हैं। अभिनेता ने हैदराबाद की घटना को ईश्वर की चेतावनी बताते हुए राजनीति में नहीं आने के फैसले की घोषणा की थी।

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