Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on email

क्या दिल्ली के लालकिले पर खालिस्तान का झंडा फहराया गया? नहीं: भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट गौरवशाली अतीत कि निशान निशान साहिब का झंडा उस पोल पर फहराया गया

क्या दिल्ली के लालकिले पर खालिस्तान का झंडा फहराया गया? जवाब है नहीं। सोशल मीडिया पर तमाम दावों में यह कहा जा रहा है कि किसानों के आंदोलन के दौरान दिल्ली के लाल किले पर खालिस्तान का समर्थित झंडा फहराया गया है। हालांकि अगर ध्यान दें तो दिल्ली के लाल किले पर वही ध्वज फहराया गया है, जो कि हर गुरुद्वारे की इमारत पर लगा होता है। किस झंडे को लाल किले की प्राचीर पर फहराया गया, वह तिरंगे से नीचे था और ऐसे ध्वज अक्सर शोभा यात्राओं या किसी धार्मिक आयोजन के दौरान खालसा पंथ से जुड़े लोगों के हाथ में दिख जाते हैं। इन ध्वजों को अक्सर दिल्ली में निकलने वाली उन शोभायात्राओं में भी देखा जा सकता है, जिन्हें सिख गुरुओं के प्रकाश पर्व के मौके पर निकाला जाता है।निशान साहिब को सिख समुदाय के ध्वज के रूप में जाना जाता है और यह भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट के हर एक गुरुद्वारे में आसानी से मिल सकता है। जब भी सिख रेजीमेंट की कोई टुकड़ी मूव करती है तो वह इन गुरुद्वारों में ऐसे ही ध्वजों के साथ जाते हैं। अगर गौर करें तो ऐसे ध्वज देश की तमाम सैन्य छावनियों में बने गुरुद्वारे में मिल जाएंगे।भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट को अपने गौरवशाली अतीत और अदम्य साहस के लिए जाना जाता रहा है। सिख रेजीमेंट और सिख लाइट इंफ्रेंट्री की वॉर क्राई ‘जो बोले स निहाल…सत श्री अकाल’ को भी गुरु गोविंद सिंह के एक भजन से लिया गया है। दिल्ली के लाल किले पर जिस वक्त निशान साहिब का ध्वज लगाया गया, ऐसे ही नारे वहां भीक्या तिरंगा हटाकर लगाया गया झंडा? सोशल मीडिया पर फैल रही तमाम अफवाहों में यह दावा भी है कि लाल किले पर तिरंगा झंडा हटाकर निशान साहिब या कथित खालिस्तानी झंडा फहराया गया। लेकिन असल में इस घटना के वीडियो देखने पर पता चलता है कि निशान साहिब का झंडा उस पोल पर फहराया गया, जहां पर कोई झंडा नहीं था। इसके अलावा लाल किले के शिखर पर लगे तिरंगे को किसी ने हाथ भी नहीं लगाया था।

Latest News