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कुणाल ,दिलीप पर पर निशाना.मैंने किसी को मदद , निराश किया है, यह लोगों को तय करना है: बाबुल

हिन्द संबाद आसनसोल संबाददाता : बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से सन्याश लेने का ट्वीट किया है इससे पहले भी कई बार बाबुल ने कहा की राजनीती छोड़ दूंगा और अब राजनीती को कहा अलविदा कहे की खबर फैल गई है लेकिन कोई आधारिक घोषणा नहीं किया है सिर्फ सुर्खियों में रहने के लिए ये घोषणा भर है क्यों की कोई लिखित बिज्ञप्ति जारी नहीं हुआ है जिसके दम पर कहा जाय की बाबुल ने राजनीती छोड़ दिया । छोड़ते भी क्यों नहीं क्या किया आसनसोल के लिए , भाजपा कार्यकर्ताओ के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओ ने जिताया पर कुछ लोगो से ही घिरे थे बाबुल आसनसोल के लोगो से कार्यकर्ताओ से दुरी बनाये रखा 2014 से 2016 तक वह शहरी विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री थे जबकि 2016 से 2019 तक उन्हें भारी उद्योग में राज्य मंत्री बनाया गया था। 2019 से 2021 तक वह पर्यावरण मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे। आसनसोल के सांसद व पूर्व केंद्र मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राजनीति को अलविदा कह दिया है उनके सोशल मीडिया पोस्ट को देखकर यही लग रहा है ,उन्होंने लिखा है कि अलविदा, मैं चला, लेकिन मैं कहीं अन्य पार्टी में नहीं जा रहा हूं समाज सेवा करने के लिए राजनीति करना जरूरी नहीं है राजनीति से दूर रहकर भी समाज सेवा की जाती है बाबुल सुप्रियो ने कुछ दिन पहले ही एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने संकेत दिए थे कि वह राजनीति छोड़ सकते हैं आज उनके द्वारा किए गए पोस्ट से यह स्पष्ट हो गया कि वह राजनीति को अलविदा कह रहे हैं हालांकि स्पष्ट रूप से उन्होंने कुछ नहीं कहा है लेकिन उनका यह पोस्ट देख कर लग रहा है कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं
बन और पर्यावरण मंत्रालय से पुरे देश में बन महोत्सव मनाया जा रहा था जिसमे हरेक किस्म के पौधों के साथ साथ फलदार विशेष कर औसधिया रूपी पौधों को लगाया जाता पुरे देश में पर उत्तराखंड के अलावा किसी भी प्रदेशो के सांसदों ने दिलचपी नहीं दिखाई आसनसोल तो बन और पर्यावरण मंत्री का संसदीय क्षेत्र है यहां एक भी पेड़, बन महोत्सव का नहीं लगा और मंत्री जी का इतेफा भी हो गया कितना दिल्चब बात है की जो विभाग का मंत्री है उसी के संसदीय क्षेत्र सुना रह जाय चिराग तले अंधेरा।
आसनसोल से दूसरी बार जीतकर संसद पहुंचे बाबुल सुप्रियो ने अब राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है। मोदी सरकार-1 और 2 में अब तक वह मत्री थे। हाल में ही हुए कैबिनेट विस्तार में उन्हें मंत्रिपरिषद से बाहर का राष्ट दिखा दिया गया था। फिल्म संगीत में अपनी अलग पहचान बना चुके बाबुल सुप्रियो 2014 में आसनसोल से चुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। 2014 से 2016 तक वह शहरी विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री थे जबकि 2016 से 2019 तक उन्हें भारी उद्योग में राज्य मंत्री बनाया गया था। 2019 से 2021 तक वह पर्यावरण मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे इधर आसनसोल में भी मिली जुली प्रतिकिरिया मिली है बिरोधी तृणमूल के तरफ से इसे नाटक करार दिया गया तृणमूल के पक्ष से कहा गया की अगर बाबुल को इस्तीफा ही देना था तो सांसद पद से इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष को देना चाहिए इसी कारण तृणमूल को ये बाबुल का नाटक दीखता है पर आसनसोल के बरिष्ठ भाजपा नेता संकर चौधरी भी मुखर हुए और बाबुल पर संगठन के तरफ से बे परवाहि का आरोप लगाया था कुल्टी से भी बिरोध की स्वर उठी भाजपा नेता विभाष सिंह ने बाबुल सुप्रियो द्वारा खुद के राजनीति से सन्यास लेने संबंधी पोस्ट लिखने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा ने बाबुल सुप्रियो को जो मुकाम दिया वो उन्हें और किसी दल में नहीं मिलता न आगे ही मिलेगा। श्री सिंह ने कहा कि भाजपा संगठन के आधार पर काम करने वाली पार्टी है जिसमें किसी व्यक्ति की कोई अहमियत नहीं। पार्टी के विचारों को आत्मसात करने वाले असली भाजपाई कभी विचलित नहीं होते और सांसद श्री सुप्रियो द्वारा लगातार दल को ब्लैकमेल करने का काम किया जा रहा है। श्री सिंह ने आगे कहा कि फेसबुक और ट्विटर पर पोस्ट लिखने से बेहतर है कि सांसद राजनीति से सन्यास अपने सांसद पद को छोड़कर करें इससे पार्टी किसी योग्य नए उम्मीदवार को उपचुनाव में उतरेगी और आसनसोल में लोकसभा से फिर भाजपा प्रार्थी ही दिल्ली जाएगा। भाजपा नेता ने कहा कि बाबुल भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं से मिलकर चलते ही नहीं थे। आज सांसद का स्वार्थी रूप जनता के सामने आ ही गय। आसनसोल पतंजलि योग समिति के जिला सोशल मीडिया प्रभारी सह योग गुरु शंकर प्रसाद जी ने बाबुल सुप्रियो की राजनीति से संन्यास लेने पर अपनी व्यक्तिगत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि श्री मान बाबुल सुप्रियो ने आसनसोल लोकसभा के अपने सहयोगियों एवं सामान्य जनता को मझधार में छोड़ने का कार्य किया है कुर्सी ( पद ) सदा के लिए किसी की नहीं होती और कुर्सी का मोह रखना भी ठीक नहीं है उन्होंने जनता और समाज की सेवा करने का सुनहरा अवसर अब गवा दिया है स्वाभिमान अच्छी बात है पर अभिमान अच्छी बात नहीं l शायद बाबुल यह भूल गए कि उनके लोकसभा क्षेत्र की जनता ने उन्हें कितना प्यार दिया है अपने पोस्ट लिखते वक्त उन्हें आसनसोल की जनता से इसके लिए माफी मांगने चाहिए थी पर उन्होंने ऐसा नहीं किया, शायद वहां भी उनका स्वाभिमान या यूं कहें अभिमान आड़े आ गया होगा जब आसनसोल के पूर्व मेयर से पूछा गया की बाबुल सुप्रियो के सन्याश के बारे में क्या कहना तब उनका जवाब था की जो लोग ये खबर सुन कर खुस हो रहे उनकी खुसी सिर्फ दो दिनों की है बाबुल दा को असंसोल की जनता ने प्यार से वोट देकर सांसद बनाया और बाबुल दा भी आसनसोल के जनता को उतना ही प्यार करते है वो कहि जाने वाले नहीं सांसद है और रहेंगे भजपा मे है और रहेंगे वो आसनसोल की जनता से बाबुल दा को लगाव है प्यार है वो कहि जाने वाले नहीं।
फिर मनाने का दौर चल रहा टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष के उस दावे कि सुप्रियो नाटक कर रहे हैं और उनमें सांसद पद छोड़ने की हिम्मत नहीं है, पर कटाक्ष करते हुए, सांसद ने कहा, मैंने पहले ही लोकसभा अध्यक्ष से समय मांगा है क्योंकि मेरे निर्णय से पहले उनकी सहमति आवश्यक है। फेसबुक पर राजनीति छोड़ने की अपनी घोषणा को लेकर राजनीतिक हलचल शुरू होने के एक दिन बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो ने रविवार को कहा कि उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। आसनसोल के सांसद ने एक टीवी चैनल से कहा कि ‘‘भविष्य में मैं क्या करता हूं यह तो वक्त ही बताएगा।’’ टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष के उस दावे कि सुप्रियो नाटक कर रहे हैं और उनमें सांसद पद छोड़ने की हिम्मत नहीं है, पर कटाक्ष करते हुए, सांसद ने कहा, मैंने पहले ही लोकसभा अध्यक्ष से समय मांगा है क्योंकि मेरे निर्णय से पहले उनकी सहमति आवश्यक है। उन्होंने कहा, मैं कल रात ही अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिल चुका हूं, लेकिन यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि मेरा भविष्य का कदम क्या होगा। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि सुप्रियो ने शनिवार आधी रात को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष पर निशाना साधते हुए, जिन्होंने संवाददाताओं से क्रॉस-चेक करने के लिए कहा था कि क्या आसनसोल के सांसद ने वास्तव में इस्तीफा दे दिया है क्योंकि इस तरह के फैसलों की घोषणा फेसबुक पर नहीं की जा सकती है, सुप्रियो ने कहा कि उनका उन लोगों से कोई लेना-देना नहीं है जो संकीर्ण सोच वाले हैं, चाहे वे किसी भी खेमे से ताल्लुक रखते हों। उन्होंने कहा, ऐसे लोगों के साथ न उलझकर, मैं हर दिन अपनी सकारात्मक ऊर्जा बचाता हूं। राज्य भाजपा अध्यक्ष ने कहा था कि जहां तक ​​मेरी जानकारी है, वह अभी भी भाजपा में हैं। सुप्रियो (50) ने नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया है, जिन्हें इस महीने की शुरुआत में एक बड़े कैबिनेट फेरबदल में हटा दिया गया था। सुप्रियो ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘जा रहा हूं अलविदा। अपने माता-पिता, पत्नी, दोस्तों से बात की और उनकी सलाह सुनने के बाद मैं कह रहा हूं कि मैं जा रहा हूं। मैं किसी अन्य पार्टी में नहीं जा रहा हूं – तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, माकपा, कहीं नहीं। मैं पुष्टि कर रहा हूं कि किसी ने मुझे फोन नहीं किया है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं एक टीम का खिलाड़ी हूं! हमेशा एक टीम मोहन बागान का समर्थन किया है – केवल एक पार्टी के साथ रहा हूं – भाजपा पश्चिम बंगाल। बस जा रहा हूं।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘मैं बहुत लंबे समय तक रहा हूं … मैंने किसी की मदद की है, किसी को निराश किया है, यह लोगों को तय करना है।

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