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फेस बुक वॉर: भ्रष्ट कौन नेता या अफशर?अवैध निर्माण एवं अवैध बालू का कारो बार का आरोप

हिन्द संबाद आसनसोल संबाददाता : अवैध निर्माण एवं अवैध बालू का कारो बार का आरोप लगाते हुए टीएमसी के बरिष्ट नेता एवं पूर्व पार्षद पर 30 जून को एक पोस्ट किसी के द्वारा किया गया था और कई आरोप लगाया गया था ये शिकायत फेस बुक पर ही क्यों शिकायत की जगह होती है प्रशाशन के कार्यालय ज़मीन और अवैध बालू का मामला है तो भूमि राजश्व दफ्तर है पुलिस प्रशासन है न की फेस बुक ये पोस्ट फेस बुक में वाइरल होते ही तृणमूल के बरिष्ट नेता और उनके समर्थको ने पुलिस में गुहार लगाई और इसकी शिकायत कुल्टी थाना में किया गया कौन सच्चा कौन झूठा फेसबुक पर पता नहीं चलेगा ये तो जाँच का बिषय है भूमि राजश्व दफ्तर भी इसी दायरे में आता है और नगर निगम भी इसी दायरे में ये दोनों दफ्तर में भी खूब पैसे बनाने में लगी हुए है भूमि राजश्व दफ्तर में बिना हायरिंग के मोटेशन दाखिल खारिज हो जाता है दलालो के माध्यम से और जो लोग सही कागजात लेकर आते है उनको चक्कर ही लगाना पड़ता है दाखिल ख़ारिज मोटेशन नहीं होता है और बिना कागजात के नाम भी रेकार्ड हो जाता है अवैध निर्माण भी नगर निगम इलाके में भी खूब हो रहा है नगर निगम के इंजीनियर खाना पूर्ति के लिए सिर्फ एक बार जाकर काम को रोक देते है फिर कोई खोज खबर नहीं लेते और अवैध निर्माण का भी जोर पकड़ लेता है और बिल्डिन तैयार हो जाता है नगर निगम सोये रहता है निगम सिर्फ एक स्टॉप कंस्ट्रक्शन का नोटिस जारी कर सो जाती है और सारा दोष पुलिस को देती है की ये काम अब पुलिस का है की उस काम को रोके पुलिस का कहना है की कारपोरेशन जैसा कहेगा वैसा ही पुलिस करेगा पर इसी चक्कर में सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा कर अवैध निर्माण होता रहता है कहि न कहि कुछ नेताओ का भी हाथ होता है सरकारी ज़मीन के खरीद बेच में , धुआँ निकला है तो आग तो लगा ही होगा ? इस बिषय पर प्रश्नचिन्ह लग ही जाता है।

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