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भाजपा को ममता से सीखना चाहिए ‘खेला होबे’ एक राजनैतिक जुमला नहीं सरकारी योजना बन गया

हिन्द संबाद आसनसोल संबाददाता: ‘खेला होबे’ यह तो महज एक 2021 चुनाव में ‘वायरल नारा था खेला होबे ये अब सिर्फ एक राजनीतिक नारा नहीं रह गया है. राज्य सरकार की योजना बन गया है. । शासक लेकर विरोध हर कोई खेलने की बात कह रहा था। शहर से लेकर गांव तक विभिन्न हिस्सों में डीजे बजाते और नृत्य करते देखे गये थे।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा, था कि चलो खेलते है. – खेल एक पैर पर खेला जाएगा।” ममता बनर्जी ने भारी अंतर से जीत हासिल की है. उन्होंने तीसरी बार सरकार बनाई है. तो इस बार उन्होंने खेला होबे को ही सरकारी योजना बना दिया ममता बनर्जी की इस सोंच से युवा वर्ग को क्लब से सम्बंधित खेल कूद युवा कार्यक्रम का कोई भी काम हो अब लगता है इसी योजना के तहत लेन वाली है मुख्यमंत्री अगर इसी तरह हर राजनीती पार्टिया अपने चुनावी घोषणा पत्र या फिर नारा को जुमला कह कर न टाले बल्कि उस चुनावी नारा को सरकारी योजना बनाए तो देश हीत में होगा न की चुनाव बाद चुनावी जुमला बोल कर पल्ला झाड़ ले जैसा की भाजपा करती है भाजपा को ममता बनर्जी से सीखना चाहिए।

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