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आज लोगो के पास पैसे है पर ऑक्सीजन नहीं वन संरक्षण पर कोई ध्यान नहीं इसी का खामियाज़ा है

हिन्द सम्बाद आसनसोल इम्तियाज़ खान : मित्रों! मनुष्य के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता व उपयोगिता को देखते हुए हमारे ऋषि मुनियों ने सबसे अधिक ऑक्सीजन देने वाले स्तोत्र पीपल व बड , बरगद के वृक्षों में देवी देवताओं का निवास बताया था यानी इस तरह से लोग इन वृक्षों का पालन पोषण संरक्षण करेंगे। लेकिन दुःख का विषय यह हुआ कि लोगो ने इन ऑक्सीजन देने वाले वृक्षों की आरती,पूजा,मत्था टेकने पर तो ध्यान दिया , पर इनके संरक्षण पर कोई ध्यान नहीं किया बल्कि अपने निहित स्वार्थों के चलते जब मर्जी हुआ इनको काट दिया जिन पर इनके सुरछित रखने की जिम्मेवारी थी वो लोग ही चंद पैसो के लिए कटवा दिया और इसी का खामियाज़ा लोग भुगत रहे है करे कोई भरे सब कोई वन संरक्षण दल भी ह। वन पर्यावरण विभाग भी है पुलिस भी है वन सम्पदा के संरक्षण के लिए पर हर जिम्मेवार अधिकारी इसे बचाने के बजाय सेटिंग कर कटवा रहे थे रुपैये कमा रहे थे । इन वृक्षों की वृद्धि के मार्ग पर कोई रुचि नहीं रखी बल्कि इन्हे काटा गया अपने हिसाब से । कहा नहीं कटा पेड़ आसनसोल भी अछूता नहीं वृक्षों की कटाई के मामले में पुलिस से सेटिंग कर लो और चाहे जितना मन हो वृक्षों की कटाई करो वृक्षों के जंगल समाप्त कर दी गई कंक्रीट के जंगल बना दी गयी बहुमंजिला ईमारत तैयार है पर आबोहवा नहीं है जीने का माहोल नहीं वृक्षों के कटाई हुई उसी का परिणाम हम भोग रहे है,अगर आज हम चेत गए तो आने वाली पीडिओ के लिए असली धन सम्पदा यह वृक्ष होंगे। आज लोगो के पास पैसे है पर ऑक्सीजन नहीं। असली सम्पदा देने की तैयारी शुरू करो वृक्षों लगाओ काफी खाली पड़े ज़मीन है सरकारी भी बिना बे सरकारी भी हर जगह कोल इण्डिया का वन विभाग इसको स्टील प्लांट का वन वभाग pwd का वन विभाग नगर निगम का वन विभाग इतने विभाग वन सम्पदा के लिए विभाग है पर काम नहीं हो रहा वन संरक्षण नहीं हो रहा फिर भी आक्सीजन की कमी से झूझ रहे मानव जाती । वन संरक्षण के लिए राज्य सरकारों केंद्रीय सरकार के पाश एक विशाल बजट भी है पर क्या हो रहा है ? धरती की सुंदरता जंगल ही है इसे न काटो बल्कि हर साल नए नए जगहों पर पेड़ लगाओ जल जंगल ज़मीन का नाता कुदरती है इसे न छेड़ो कुदरत के साथ खेलवाड़ करो गे खुद पछताऊ गे

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