Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on email

आग लागय चुनाव परधानी मा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी की व्यथा: कवि धर्मराज-

कवि धर्मराज द्वारा अवध क्षेत्र में चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी की व्यथा कथा
हिन्द संवाद विशेष कवि धर्मराज- दादा हालत बिगरि गय गरानी मा
आग लागय चुनाव परधानी मा
दादा हालत बिगरि गय गरानी मा
नीके घर मा बइठ रहेन ई ठेलुहा सार लड़ाइन
हमरेन साथे रहे जउन ऊ मिलिकै हमय हराइन
भैंस हमरव चली गय पानी मा
दादा हालत बिगरि गय गरानी मा
आग लागय चुनाव परधानी मा
एक तरफा तू जितिहौ दादा कहिकै हमय चढाइन
घर मा खिचरी जुरै नाइ ऊ मुरगा रोज उडाइन
भागि गे उनहू इमली निशानी मा
दादा हालत बिगरि गय गरानी मा
आगि लागय चुनाव परधानी मा
खेती पाती सगरिव बिकि गय बिकिगा जेवर जट्टा
तोप कय फारम भरे रहेन मुल मिला न टूटहव कट्टा
बूढ़ होइगेन हम चढ़तय जवानी मा
दादा हालत बिगरि गय गरानी मा
आग लागय चुनाव परधानी मा
कल्लू कटिगे ढोंढे कटिगे कटिगे चौथी भाई
बड़ा भरोसा रहा हमय ऊ कटी कलउतक माई
गोड़ घिसिगे दउर छप्पर छानी मा
दादा हालत बिगरिगय गरानी मा

Latest News