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महाविकास अघाड़ी सरकार के भीतर चल रहा विरोध अब सामने दिखाई पड़ी कांग्रेस ने खुलकर विरोध किया

हिन्द संबाद । महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के भीतर चल रहा विरोध अब सामने दिखाई देने लगा है। दरअसल, शिवसेना ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने की मांग की। जिसका कांग्रेस खुलकर विरोध किया और कहा कि यह शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का हिस्सा नहीं है। महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने शिवसेना के नाम बदलने वाली मांग का खुलकर विरोध किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिवसेना काफी समय से औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर रखने की मांग कर रही है। लेकिन कांग्रेस ने अब इस पर आपत्ति दर्ज कराई है। औरंगाबाद में ग्राम पंचायत चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे बालासाहेब थोराट ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि अगर औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का कोई प्रस्ताव आता है तो कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारी पार्टी नाम बदलने में विश्वास नहीं करती क्योंकि इससे आम आदमी का विकास नहीं होता है। हालांकि, हम महाविकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन हम इस तरह के प्रस्ताव का विरोध करेंगे। थोराट ने कहा कि मुझे औरंगाबाद के नाम बदलने के किसी प्रस्ताव की जानकारी नहीं है। थोराटा ने बताया कि महाविकास अघाड़ी का गठन राजनीतिक दलों द्वारा किया गया है जो भाजपा जैसे दलों के सिद्धांतों और विचारधारा के विरुद्ध हैं। यहां तीनों दलों (कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना) की सरकार है और हम आम सहमति से निर्णय लेते हैं। कुछ प्रमुख मुद्दों पर मतभेद हो सकता है लेकिन हम न्यूनतम साझा कार्यक्रम का पालन करेंगे।महाराष्ट्र में कांग्रेस का शिवसेना और एनसीपी के साथ गठबंधन है जिसको ध्यान में रखते हुए उन्होंने आगामी नगर पालिका चुनाव में एकसाथ चुनाव लड़ने की बात कही है। थोराट ने स्पष्ट किया कि पार्टी का मकसद भाजपा को सत्ता से दूर रखना है। ऐसे में हम अगामी चुनाव में अपना गठबंधन जारी रखेंगे और अगर यह नहीं होता है तो कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।

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