Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on email

बदायूं में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के गैंगरेप और हत्या दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा आरोपी महंत फरार

हिन्द संबाद लखनऊ . बदायूं में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के गैंगरेप और हत्या का मामला तूल पकड़ रहा है। राज्य सरकार ने पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि और सरकारी योजनाओं का लाभ देने की घोषणा की है। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का खुद संज्ञान लिया है और ADG जोन बरेली से रिपोर्ट मांगी है।अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि अगर STF को भी लगाना पड़े तो उन्हें लगाकर जल्द घटना की जांच की जाए। उन्होंने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के निर्देश दिए हैं। एसएसपी संकल्प शर्मा ने भी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।बदायूं के एसएसपी संकल्प शर्मा ने बुधवार को बताया कि गत रविवार को उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव में मंदिर गई 50 वर्षीय एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजन ने मंदिर के महंत सत्य नारायण और उसके दो साथियों पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया है। इस आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनमें से वेद राम और जसपाल को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि आरोपी महंत फरार है। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की चार टीम गठित की गई हैं।जिले में मंदिर में पूजा करने गई एक आंगनबाड़ी सहायिका की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस मामले में मंदिर के महंत समेत तीन लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। विपक्षी दलों ने इस घटना को ‘निर्भया कांड’ से जोड़ते हुए प्रदेश सरकार को घेरा है।एसएसपी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में महिला से बलात्कार की पुष्टि हुई है और उसके गुप्तांग में चोट और पैर में फ्रैक्चर पाए गए हैं। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर यशपाल सिंह का कहना है कि महिला की मौत सदमे और अत्यधिक रक्तस्राव की वजह से हुई है। घटना को निर्भया कांड जैसा बताया जा रहा है। उत्तरप्रदेश के उन्नाव रेप केस में भी रोज नया खुलासा हो रहा है। जांच के बाद यह कहा जा रहा है कि पीड़िता का एक्सीडेंट बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सिंगर की साजिश थी ! वहीँ पीड़िता पहले ही सुरक्षा की मांग कर चुकी थी, लेकिन उसे हथियार रखने की इजाज़त नहीं दी गई और सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी भी हादसे वाले दिन उसके साथ नहीं थे। इन सब के बाद अब उत्तरप्रदेश सरकार और पुलिस सवालों के घेरे में है।

Latest News