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पश्चिम बर्दवान जिला कांग्रेस के अध्यक्ष दिवेश चक्रवर्ती और कार्यकारी अध्यक्ष हरजीत सिंह पर हमला बोला

, हिन्द संबाद : आसनसोल: कांग्रेस और गुटबाजी तो कांग्रेस के जन्म से ही है जब एक अंग्रेज के नेतृत्वा में इसके संस्थापकों में ए॰ ओ॰ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे।[7] 19वीं सदी के आखिर में और शुरूआत से लेकर मध्य 20वीं सदी में, कांग्रेस भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में, अपने 1.5 करोड़ से अधिक सदस्यों और 7 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध में एक संगठन बना लेकिन बनते ही गुटबाजी शुरू हो गयी एक अंग्रेज और दो पारसी इस संगठन के बानी थे तब भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना 72 प्रतिनिधियों की उपस्थिति के साथ 28 दिसम्बर 1885 को बॉम्बे में हुआ था और ज्यादा तर लोगो ने एक अंग्रेज और दो पारसी को छोड़ कर भारतीय राष्ट्रीयवाद के हिमायती कलकत्ते के व्योमेश चन्द्र बनर्जी को अध्यक्ष नियुक्त किया था उसके बाद 1907 में काँग्रेस में दो दल बन चुके थे – गरम दल एवं नरम दल फिर न जाने कांग्रेस के कितने टुकड़े हुआ राष्ट्रीय तौर पर काम लेकिन प्रदेश जिला स्तर पर तो कांग्रेस और गुटबाजी साथ साथ चलता रहा। यह हल एक बार फिर से शनिवार को आसनसोल कांग्रेस सब डिवीजन कार्यालय की बैठक में साबित हो गई। जब प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य सह पश्चिम बर्दवान जिला कांग्रेस समिति के आमंत्रित सदस्य जीतू सिंह ने पश्चिम बर्दवान जिला कांग्रेस के अध्यक्ष दिवेश चक्रवर्ती और कार्यकारी अध्यक्ष हरजीत सिंह पर हमला बोला। जीतू सिंह ने कहा कि वे देवेश चक्रवर्ती को जिला कांग्रेस अध्यक्ष नहीं मानते हैं। हरजीत सिंह आई एन टी यू सी के महासचिव हैं। जो लोग इंटक के पद पर रहते हैं। वह कांग्रेस पार्टी का पद नहीं ले सकते।यह पार्टी का नियम है। वह पार्ट टाइम कार्य करेंगे। वे दिन भर कारखाना में काम करेंगे और शाम को एक घंटा पार्टी कार्यालय में बैठने से कांग्रेस नहीं चलेगी। दिन में यदि किसी कार्यकर्ता को पुलिस पकड़ती है। तो वह कार्यकर्ता कहां जाएंगे।इसलिए हरजीत सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष बनाना उचित नहीं है। यह बात जीतू सिंह ने कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन मोहम्मद शाकिर के द्वारा शनिवार को पश्चिम बर्दवान कांग्रेस जिला कमेटी में शाहिद परवेज को सचिव, प्रसनजीत पूईतणडी को महासचिव, जीतू सिंह और मुमताज हसन को जिला कमेटी में आमंत्रित सदस्य बनाए जाने पर सम्मानित करने के लिए बुलाई बैठक में कहीं। इस दौरान जीतू सिंह ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस में जिन नेता के पास साइकिल तक नहीं था। आज वह नेता कार से घूम रहे हैं। तीन तल्ला मकान बनवा लिए हैं। आखिर यह पैसा कहां से आया। दरअसल यह पैसा कोयला बालू तस्करों के माध्यम से इन लोगों को आया है और देवेश चक्रवर्ती को भी ऐसे तस्करों से पैसा मिलता है जीतू सिंह का यह कहना तो जाएज़ है पर प्रदेश नेतृत्व उनकी बातो को सुने तब तो जहा तक कार्यकारी अध्यक्ष हरजीत सिंह पर हमला बोला तो बात तो सही है की हरजीत सिंह संगठन की बात तो करते है सिर्फ आपने फायदे के लिए आज शिल्पांचल में अगर कांग्रेस कमजोर हुई तो इन्ही जैसे नेताओं के कारण क्योकि ये लोग संगठन से फ़ायदा तो उठाते है नलिकिं कार्यकर्ताओ लो तुछ्य समझते है और पश्चिम बर्दवान जिला कांग्रेस के अध्यक्ष दिवेश चक्रवर्ती की बात करे तो बराबर उन पर उगाही का आरोप पैसो लेकर पद देने का आरोप लगता रहा फिर भी ये आरोपों की परवाह किये बगैर पश्चिम बर्दवान जिला कांग्रेस के अध्यक्ष दिवेश चक्रवर्ती को लालसा लगी रहती है बारबारा अध्यक्ष पद की लालसा लगी रहती है जीतू सिंह ने और ये भी कहा की इसलिए पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी के अंदर ऐसे नेताओं की आवश्यकता नहीं है। जो घर में बैठकर राजनीति करें। जीतू सिंह ने अमित शाह को भी चोर और ताड़ीपार व्यक्ति बताया। तृणमूल के जितने चोर तस्कर और भ्रष्टाचार में फंसे नेता हैं। वह अमित शाह के शरण में जा रहे हैं ।वही शाहिद परवेज ने कहा कि मुझे कांग्रेस जिला कांग्रेस में जो पद दिया गया है। इससे मैं खुश नहीं हूं। क्योंकि जिला कमेटी में जिसे उपाध्यक्ष या महासचिव बनाया गया है। वह उनका कद हमसे बहुत नीचा है। जो लोग 5 साल अपने घरों में बैठे रहते हैं। उन्हें उपाध्यक्ष और महासचिव बना दिया गया। मैं हमेशा कांग्रेस के झंडा को लेकर सालों भर आंदोलन करते हैं।तो मुझे सचिव का पद दिया गया है। इसलिए मैं जिला और उच्च नेतृत्व से खुश नहीं हूं। मैं दिवेश चक्रवर्ती को जिलाध्यक्ष नहीं मानता हूं। मैं कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा।मैं कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं। हम आजीवन कांग्रेस में रहकर जनता के हित के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे।लेकिन जिला नेतृत्व के द्वारा ऐसे लोगों को जिला के उच्च पद पर बैठाना ठीक नहीं है।प्रसनजीत पुईतणडी के साथ भी अन्याय हुआ है। वह जिला के कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें महासचिव का पद कैसे दिया गया। यह उनका असम्मान है।शाहिद परवेज़ यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि पश्चिम बर्दवान जिला कांग्रेस की जो कमेटी बनाई गई है।उसमें साफ झलकता है कि यहां भाषा भाषियों का खेल किया गया है। 71 सदस्य कमेटी में केवल दो मुस्लिम और दो हिंदी भाषियों को रखा गया है।इससे हम लोग खफा हैं। फिलहाल देवेश चक्रवर्ती और हरजीत सिंह से संपर्क ना होने पर उनका पक्ष नहीं लिया जा सका है।

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