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पश्चिम बंगाल में आम चुनाव की रूपरेखा बनाई जा रही है।

हिन्द संबाद नई दिल्ली . कोविड-19 महामारी के दौर में चुनाव आयोग ने बिहार में सुरक्षित विधानसभा चुनाव कराने में सफलता हासिल की है। आयोग अब नए साल के शुरुआती महीनों में पश्चिम बंगाल समेत चार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चुनावों की तैयारी कर रहा है। यह जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने दी। बताया कि यह तैयारी 7.3 करोड़ मतदाताओं और 1.06 लाख मतदान केंद्रों के लिए की जा रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि कोरोना के दौर में बिहार के चुनाव में 57.34 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि इससे पूर्व 2015 के चुनाव में वहां पर 56.8 प्रतिशत मतदान हुआ था। बिहार के ताजा चुनाव में महिला मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, पुरुषों की तुलना में ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया। कोरोना काल के चुनाव में पोस्टल बैलट की सुविधा का विस्तार किया गया। 80 साल से ज्यादा उम्र के मतदाताओं और लाचार लोगों को भी यह सुविधा दी गई। कोरोना काल के दौरान कई राज्यों में राज्यसभा के चुनाव कराए गए और 60 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव भी हुए। यह सब लाखों अधिकारियों, कर्मचारियों, सुरक्षा बल कर्मियों, सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के जज्बे और समर्पण से संभव हुआ। हालांकि कई राजनीतिक दलों ने महामारी काल में चुनाव न कराने का अनुरोध चुनाव आयोग से किया था। अरोड़ा ने बताया कि बिहार में कोविड से बचाव के लिए तय मानदंडों के उल्लंघन के मामले भी सामने आए। इसके लिए 156 मामले दर्ज किए गए। चुनाव के दौरान मतदाताओं को भी दस्ताने उपलब्ध कराए गए जिन्हें पहनकर उन्होंने वोटिंग मशीन का बटन दबाया। अब पश्चिम बंगाल में आम चुनाव की रूपरेखा बनाई जा रही है। इसके साथ ही केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में चुनाव होने हैं। इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश से सूचनाएं एकत्रित की जा रही हैं।

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