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ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा पर पुलिस गुरुवार को लगातार दूसरे दिन एक्शन में

हिन्द संबाद नई दिल्ली दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के संबंध में पुलिस के साथ हुए समझौते को न मानने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस राजेवाल सहित कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किए हैं। उन्हें 3 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा पर पुलिस गुरुवार को लगातार दूसरे दिन एक्शन में है। पुलिस ने गुरुवार को किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। यानी वे बिना इजाजत विदेश नहीं जा सकेंगे। हालांकि, यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि लुकआउट नोटिस किन-किन नेताओं के खिलाफ जारी हुए हैं। लेकिन, माना जा रहा है कि जिन 37 नेताओं के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज की थी, उन्हीं के खिलाफ नोटिस जारी किए गए हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब दो महीने से चल रहे किसानों का आंदोलन गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हिंसा के बाद अब कमजोर पड़ता दिख रहा है। दिल्ली हिंसा को देखते हुए दिल्ली-नोएडा रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने अपना धरना वापस ले लिया। अब चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया। वहीं, दिल्ली-गाजियाबाद रोड पर भी यातायात बहाल हो गई है। माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह घायल पुलिसवालों को देखने अस्पताल जा सकते हैं। इधर, दिल्ली हिंसा को लेकर पुलिस ने 25 से अधिक एफआईआर दर्ज की हैं और 93 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। एक्टर दीप सिद्धू और लक्खा का भी नाम एफआईआर में दर्ज है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि एनएच-24 खोल दिया गया है, जिससे दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला रूट बहाल हो गया है। बागपत में जिला प्रशासन की ओर से रात प्रदर्शनकारी किसानों को हटाया गया। बागपत के एडीएम ने कहा कि एनएचएआई ने एक पत्र लिखकर काम को पूरा करने का अनुरोध किया था। किसानों के प्रदर्शन की वजह से एनएचएआई के काम में देरी हो रही थी।

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