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चीन के साथ बातचीत चल रही लेकिन बे नतीजा है अभी तक

हिन्द संबाद नई दिल्‍ली . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि चीन के साथ बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक यह बेनतीजा है। राजनाथ ने कहा कि गतिरोध को दूर करने के लिए बातचीत का दौर चल रहा था। मिलिट्री लेवल और कूटनीतिक लेवल पर भी बातचीत चल रही थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई है। दोनों देशों के बातचीत अगले राउंड की होगी, लेकिन अभी तक कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि ‘सैनिक कम नहीं किए जाएंगे। चीन भी इस और बढ़ता नहीं दिख रहा है। बातचीत के जरिए सकरात्‍मक परिणाम निकले, यह हमारी अपेक्षा है।’जब पूछा गया कि चीन सीमा पर 50 साल बाद गोली चली है तो सिंह ने कहा कि ‘भारत शांति का पुजारी रहा है। हम शांति चाहते हैं, लेकिन कोई देश विस्तारवादी है, तो भारत की भूमि की जमीन पर कब्‍जे की कोशिश करता है तो भारत के अंदर वह ताकत है कि किसी भी सूरत में अपनी जमीन को दूसरे देश के हाथ में नहीं जाने देंगा। चाहे कोई भी देश हो’ क्या हम चीन का मुकाबला कर सकते हैं? इस सवाल पर सिंह ने कहा कि “यह किसी का विचार हो सकता है हम चीन का मुकाबला नहीं कर सकते हैं, लेकिन चीन सीमा पर हमारे सैनिकों ने जो संयम और शौर्य का परिचय दिया है, उस पर हमें नाज है।”सिंह ने इस बात से इनकार किया कि सेना पर नई दिल्‍ली से किसी तरह का दबाव है। उन्‍होंने कहा, “हमें सेना के ऊपर विश्वास है। हमारी सेना जहां संयम की जरूरत होती है, वहां संयम का परिचिय देती है, जहां शौर्य दिखाना होता है, वह शौर्य दिखाती है। सेना के हाथ बंधे हुए नहीं हैं। जिस शौर्य और संयम का परिचय इस बार सेना ने दिया है, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम होगी। हमारी सेना देशवासियों का मस्तक नहीं झुकने देगी।”रक्षा मंत्री ने 2020 में सीमा पर हुए घटनाक्रम पर कहा, “हमारी नजर चिड़िया की आंख पर है। जो हमको छेड़ेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं। चाहे जो भी हो। हमारी कोशिश यही होती है कि हम सभी के साथ अपने रिश्‍ते बनाकर रखें।”टू फ्रंट वॉर के सवाल पर उन्‍होंने कहा, “पाकिस्तान नापाक हरकतें करता रहा है। महीनों में ही कई सौ बार सीजफायर तोडता है तो मुंहतोड जवाब मिलता है। सेना के जवानों ने दिखाया है कि इस बार से ही नहीं, उस पार जाकर भी आतंकी ठिकाने तबाह कर सकते हैं, यह सिद्ध कर दिया है।”दिल्‍ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बयान जारी किया था। सिंह ने इसपर कहा, “मैं दुनिया के किसी भी देश के प्रधानमंत्री को कहना चाहूंगा कि भारत के आंतरिक मामलों में बोलना बंद करें। भारत को किसी के हस्‍तक्षेप की जरूरत नहीं है। यह भारत का आंतरिक मामला है। किसी और देश को आंतरिक मामलों में बोलने का हक नहीं है। भारत ऐसा-वैसा देश नहीं है कि कोई जो चाहे, वो बोल दे।”केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ ताकतों ने किसानों के बीच भ्रांतियां फैलाने की कोशिश की। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने कई किसानों से बात की है। उन्‍होंने किसानों का ‘नक्‍सल’ और ‘खालिस्‍तानी’ कहे जाने पर कहा कि “ऐसे आरोप किसी की तरफ से किसानों पर नहीं लगाए जाने चाहिए। हमारा सिर किसानों के सम्‍मान में झुकता है। वे हमारे ‘अन्‍नदाता’ हैं।”

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