पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का वाम मोर्चे से गठबंधन तो हो चुका है। मगर अभी सीटों पर फैसला नहीं हुआ है। 2016 के विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चे ने कांग्रेस को मात्र 92 सीटें ही दी थीं। जिसमें कांग्रेस का चुनाव परिणाम वाम मोर्चे से बहुत अच्छा रहा था।काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी को वामपंथी मोर्चे से गठबंधन करने की मंजूरी दे दी है। अब वहां 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व वामपंथी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि 2016 का विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस ने वाम मोर्चे के साथ मिलकर लड़ा था। मगर उसके बाद इनका गठबंधन टूट गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में इन्होंने अलग-अलग चुनाव लड़ा था।कांग्रेस ने 2011 के विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्होंने वाम मोर्चे को करारी शिकस्त दी थी तथा ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार में कांग्रेस पार्टी शामिल हुई थी। मगर बाद में कांग्रेस के ममता बनर्जी से संबंधों में कड़वाहट उत्पन्न हो जाने के कारण उनका गठबंधन टूट गया था तथा कांग्रेस ममता मंत्रिमंडल से अलग हो गई थी और ममता ने बिपक्ष को ही ख़तम कर दिया और बाम ले साथ साथ कांग्रेस को भी तोर्ड कर अपने पार्टी में शामिल कर बाम पन्थियो के साथ गठबंधन तो हो चुका है लेकिन वोट को शेयर कैसे होगा ये वक़्त ही बताएगा लोक सभा चुनाव में सभी का वोट भाजपा में इस लिए गया था की हमारी पारी तो जित नहीं रही इस लिए उसे हराने के लिए भाजपा को वोट दे दो तब जा कर बंगाल में १८ सीटों पर भाजपा को कामयाबी मिली थी लिया
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कांग्रेस का वाम मोर्चे से गठबंधन तो हो चुका लेकिन वोट को शेयर कैसे होगा
- HIND SAMBAD
- December 30, 2020
- 4:58 pm