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क्याश लगाया जा रहा है की राजस्थान कोंग्रेश में सब कुछ ठीक नहीं है कलह मची हुयी है

हिन्द संबाद नई दिल्ली संबाददाता : राजस्थान की राजनीति में इन दिनों सत्तारूढ़ कांग्रेस में मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर पार्टी के नेताओं में आपस मे ही कलह मची हुयी है। गत वर्ष सचिन पायलट ने अपने समर्थक 19 कांग्रेसी विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुली बगावत कर दी थी। स्थिति यहां तक बिगड़ गई थी कि पायलट अपने समर्थक विधायकों को लेकर राजस्थान के बाहर हरियाणा में गुड़गांव के एक होटल में जाकर ठहरे थे। उसी दौरान कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से तथा उनके समर्थक रमेश मीणा व महाराजा विश्वेंद्र सिंह को कैबिनेट मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। करीब एक महीने की उठापटक के बाद अंततः केंद्रीय आलाकमान के हस्तक्षेप करने से पायलट समर्थको को सत्ता व संगठन में पूरी भागीदारी देने के वायदे के साथ उस बगावत को ख़त्म कर दिया गया था। उस समय कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन बड़े केन्द्रीय नेताओं की एक कमेटी बनाई थी। जिसमें अहमद पटेल, कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल व राजस्थान प्रभारी महासचिव अजय माकन को शामिल किया गया था। उक्त कमेटी को शीघ्र ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट की बातें सुनकर उनका समाधान करवा कर दोनों पक्षों को संतुष्ट करना था। मगर कमेटी की आज तक एक भी बैठक नहीं हो पाई है। इसी दौरान वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का निधन हो गया। उसके बाद कमेटी में बचे केसी वेणुगोपाल व अजय माकन ने कोई बैठक नहीं की और ना ही दोनों पक्षों की बातें सुनकर सोनिया गांधी को रिपोर्ट दी क्याश लगाया जा रहा है की राजस्थान कोंग्रेश में सब कुछ ठीक नहीं है ।