हिन्द संबाद आसनसोल इम्तियाज़ खान : पिछले एक वर्ष से अधिक समय के दौरान देश में कोरोना महामारी के चलते आर्थिक क्षेत्र के लगभग समस्त खंड विपरीत रूप से प्रभावित हुए हैं। परंतु, केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र को विकसित करने के उद्देश्य से मिशन मोड में लगातार किए जा रहे प्रयासों के कारण कृषि क्षेत्र कोरोना काल के बीच भी विपरीत रूप से प्रभावित नहीं हुआ था पर किसान आंदोलन ने कृषि क्षेत्र को ब्यापक नुकशान पहुंचाया है जो आने वाले वर्षो में साफ दिखाई देगा कृषि उत्पाद बंद है तेल के दाम बढ़ रहे है उसी के साथ खाद्य सामग्री के दाम भी आशमान छु रहे है सरसो का तेल लगभग 200 रूपये प्रति किलो हो गया है कोई इस बिषय पर जवाब देहि नहीं है आये दिन हर एक संमस्याओ का भी सामना करना पड रहा है कृषि उत्पाद पर कोरोना के साथ साथ कृषि आंदोलन की भी मर पड़ी है । कृषि क्षेत्र में न केवल उत्पादन में लगातार वृद्धि के बाद कमी की सूचनाए भी दृष्टिगोचर है बल्कि कृषि उत्पादों का अशार भी अच्छा नहीं लग रहा है मूल्य भी बढ़ता जा रहा है। इस सब हालातो को देखने से दूर दिन की आभाष होता है सेवा (पर्यटन, होटल, यातायात, आदि) एवं उद्योग क्षेत्र तो विशेष रूप से अधिक प्रभावित हुए हैं।।
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किसान आंदोलन ने कृषि क्षेत्र को ब्यापक नुकशान पहुंचाया है जो आने वाले वर्षो में साफ दिखाई देगा
- HIND SAMBAD
- May 7, 2021
- 3:08 pm