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डीवीसी के विस्थापितो ने विभिन्न मांगों के साथ किया प्रदर्शन

डीवीसी के विस्थापितो ने विभिन्न मांगों के साथ किया प्रदर्श

मैथन
झारखंड विस्थापित एवं ग्रामीण मोर्चा के बैनर तले शनिवार सुबह मैथन कालीपहाड़ी मोड़ से विस्थापितो के हित के लिए लड़ाई करने वाले विभिन्न समिति एवं मोर्चा के सदस्य समेत विस्थापित ग्रामीणों ने पदयात्रा निकाल मैथन डीवीसी के प्रशासनिक भवन के सामने प्रदर्शन कर, विभिन्न मांग को लेकर मैथन डीवीसी परियोजना प्रमुख एवं अन्य पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। बताया जा रहा है इस दौरान डीवीसी प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार पर खड़े सीआईएसएफ के जवान समेत सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शनकारी विस्थापितों को अंदर जाने से रोका दिया। जिसके बाद प्रदर्शनकारी मुख्य द्वार के सामने ही बैठ गये। मामले को बढ़ता देख डीवीसी प्रबंधन ने कुछ ही विस्थापित ग्रामीणों को अंदर आने की अनुमति दी। जिसके बाद अंदर गये प्रदर्शनकारियों के लोगो ने झारखंड विस्थापित एवं ग्रामीण मोर्चा बैनर तले अपनी निम्नलिखित मांग रखी , जिसमें (1) विस्थापित ग्रामीणों का जिनका डीवीसी के द्वारा जमीन अधिग्रहण किया गया है। इसका एक सूचि तैयार कर भू- संपदा विभाग में रखा जाए ताकि समय आने पर जमीन पूर्व मैं रैयत एवं उनके परिवारों को कुछ सुख सुविधा प्राप्त हो। (2) नीमडांगा एवं लुयाडी के पुनर्वासियों का मालिकाना हक दिलाने के लिए ,जमीन के उत्तराधिकारीयो से संपर्क कर उसका हक दिलाया जाएगा । (3) स्थानीय लोगों को बिजली देने के लिए डीवीसी मुख्यालय से इसका योजना बनाकर विस्थापित ग्रामीण एवं स्थानीय लोगों को बिजली दिया जाएगा। एवं पानी की समस्या को दूर करने के लिए सरकार के हर घर नल योजना के तहत जो गांव में पानी की सुविधा नहीं है उस गांव में डीवीसी प्रबंधन द्वारा अपना मद से पानी की व्यवस्था करेगा। उसमें से चार-पांच गांव जो कोलियरी क्षेत्र है जहां पानी की बहुत किल्लत है जैसे सिंह बस्ती, मंगलमारा, पोडाडीहा, बरजोर ठूनापाडा इत्यादि गांवों में सुचारू रूप से पानी देने का काम करेगी। (5) ग्रामीण विस्थापितों को दुकान आवंटन में प्राथमिकता दिया जाएग। (6) अतिरिक्त पड़े हुए भूखंड आवास एवं डीवीसी द्वारा बिना उपयोग नहीं किया जा रहा है वैसे कार्यालय को विस्थापित ग्रामीण का समूह बनाकर ग्रामीणों के रोजगार के लिए आवंटन किया जाएगा। (7) ए. एम.सी .ए .आर .सी के तहत झारखंड के स्थानीय व्यक्ति को 75% नियोजन का नीतिगत फैसला के लिए डीवीसी के मुख्यालय भेजा जाएगा। (8) केंद्रीय विद्यालय मैं विस्थापित ग्रामीण एवं स्थानीय व्यक्तियों के बच्चों के दाखिला के लिए डीवीसी के शिक्षा विभाग के कमेटी में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। (9) पुनर्वासित विस्थापित गांव जो 10 किलोमीटर के बाहर हैं उसके उत्थान के लिए डीवीसी के मुख्यालय में अनुशंसा किया जाएगा एवं योजना बनाया जाएगा। (10)C.S.R के तहत 10 किलोमीटर से अधिक दूरी के विस्थापित गांव के उत्थान एवं विकास के लिए चिन्हित किया जाएगा। (11) विस्थापितों को अनुकंपा के समान उनके मुआवजे की राशि को एक मूस्त में भुगतान किया जाएग। (12) विस्थापित ग्रामीणों द्वारा जो भूमि अधिग्रहण की गई थी उसका केवल 10% भूमिका इस्तेमाल किया गया है 90% भूमि को इस्तेमाल नहीं किया गया है। उसे डीवीसी द्वारा चिन्हित कर विस्थापितों के हित के लिए उसका उपयोग किया जाएगा।(13) सी.एस.आर के ट्रेनिंग के बाद समूह बनाकर एक मुसत अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा समूह के लिए जमीन आवंटित कर रोजगार की व्यवस्था किया जाएगा। (14) जामताड़ा के सि.एस.आर के काम को शुरू करने के लिए भी.डि.एस.सी का मीटिंग बुलाया जाएगा। (15) विस्थापित ग्रामीणों के लिए डीवीसी अस्पताल के इनडोर में चार बेड निशुल्क आरक्षित किया जाएगा।(16) डीवीसी के प्रशासनिक भवन में कोई भी विस्थापित ग्रामीण या स्थानीय लोग कोई कार्य बस किसी से मिलने जाते हैं, तो उन्हें सीआईएसएफ के सुरक्षा कर्मी द्वारा उन्हें रोक दिया जाता है, इस असुविधा को दूर करने के लिए पि.आर.ओ विभाग का एक प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार में नंबर दिया जाएगा एवं उससे बात कर उचित विभाग मे मुलाकात करने के लिए अंदर में प्रवेश दिया जाएगा। (17) विस्थापित ग्रामीणों का डीवीसी के बाउंड्री वालों के अगल-बगल में बहुत सारा जमीन है बाउंड्री वॉल होने के कारण उन्हें बहुत घूम कर आना जाना पड़ता है, इस दिक्कत समाप्त करने के लिए जमीन में आने जाने के लिए डीवीसी द्वारा एक अलग से रास्ते की व्यवस्था की जाएगी । (18) डीवीसी डेम एवं रोड सुरक्षा को देखते हुए 15/12/2023 -तारीख को जो दुकानदारों को नोटिस दिया गया था हटाने के लिए अभी इन पर रोक लगा दिया गया है एवं सीजन के बाद झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के स्थाई एवं अस्थाई दुकानों को हटाकर एक ही जगह दुकानों को स्थापित किया जाएगा। (19) पूर्व में लीज नीति के खिलाफ जो विस्थापित ग्रामीणों ने मुख्यालय में माननीय अध्यक्ष महोदय जी को संयुक्त रूप से जो विरोध पत्र दिया गया था, उसको दोबारा विभाग के संबंधित डीवीसी प्रबंधन अधिकारी को लीज एवं क्वार्टर आवंटित नीति को रद्द करने के लिए दिया गया। इस प्रमुख बैठक में डीवीसी की तरफ से संजीव सिंह वरिष्ठ महा प्रबंधक असैनिक, तापस राय सहायक प्रबंधक मानव संसाधन ,विनय चंद्र कुजूर वरिष्ठ प्रबंधक मानव संसाधन ,पी मुखर्जी प्रबंधक मानव संसाधन ,मनोज आचार्य भू संपदा अधिकारी और झारखंड विस्थापि एवं ग्रामीण मोर्चा का तरफ से उत्पल चक्रवर्ती, अमरनाथ साह, सजल रजक , पंचायत समिति शीतल राय, मुखिया बबलू चौधरी समेत सैकड़ो विस्थापित ग्रामीण मौजूद रहे।

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