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बालू संकट कुछ दिनों से की गई कार्रवाई के कारण विकराल रूप ले लिया नासूर न बन जाय

हिन्द संबाद आसनसोल : बालू संकट के कारण पश्चिम बर्द्धमान जिले में ही हजारों लोग बेरोजगार हैं, वहीं रोजाना करोड़ों का कारोबार ठप है । सरकार द्वारा बालू उठाव को लेकर कोई सटीक नीति न होने के कारण विगत कई वर्षों से जारी समस्या ने बीते कुछ दिनों से की गई कार्रवाई के कारण विकराल रूप ले लिया है। वहीं शिल्पांचल में बालू की कालाबाजारी की जा रही है। दो हजार रुपये ट्रैक्टर बिकने वाली बालू नौ हजार रुपये ट्रैक्टर बिक रही है।शिल्पांचल में बालू संकट के कारण निर्माण कार्य ठप हैं और हजारों मजदूर बेकार बैठे हैं। संभावना है कि इसी महीने दुर्गापूजा के कुछ दिनों बाद पश्चिम बर्द्धमान जिले में ई-चालान के माध्यम से फिर से बालू मिलने लगेगा। इससे उनलोगों का संकट कम होगा, जिन्होंने निर्माण कार्य बंद कर दिया है या काम नहीं मिल रहा है। फिलहाल इस व्यवस्था से बालू की कीमतें कई गुना ज्यादा हो गया है मुस्किले ज्यादा हो गई हैं। घाटों को नये सिरे से लीज पर देने की टेंडर प्रक्रिया चल रही है। जिसके बाद हो सकता है कि कीमतों में कुछ कमी आये। फिलहाल पांच लीज होल्डरों को पहले से पड़े हुए बालू आपूर्ति की अनुमति दी गई है। लेकिन इसके लिए ई-चालान अनिवार्य है। जिसके बाद बालू आपूर्ति शुरू की गई थी। लेकिन फिर उसे रोक दिया गया। जिला भू-राजस्व विभाग के अतिरिक्त जिला शासक संदीप टुडू ने कहा कि जिन लोगों को बालू घाट का पट्टा पहले से दिया हुआ था। उन्होंने सरकारी खजाने में पैसा जमा कर दिया है और ई-चालान के जरिए बालू की आपूर्ति कर सकेंगे। बीएलआरओ को अन्य जगहों पर कहां और कितनी रेत है इसकी जानकारी देने को भी कहा गया है। रेत बेचने से पहले, पश्चिम बंगाल खनिज विकास व्यापार निगम के पोर्टल पर लॉग इन करना होगा और चालान निकालना होगा। फिर उस चालान के आधार पर किसी भी व्यक्ति को जिनका पट्टा है, वह व्यापारी बालू बेच सकते हैं। बीएलआरओ अगले कुछ दिनों में जो जानकारी जुटाएंगे उनमें चालू वित्त वर्ष में कितने लोगों को किस घाट पर लीज पर दिया गया था और कितने का चालान निकालकर बालू उठाया गया है। सरकार के पास उन्होंने राशि जमा कराई है कि नहीं, सारी जानकारी इक्ट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।उल्लेखनीय है कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बालू तस्करी पर चिंता व्यक्त करते हुए ई-चालान के माध्यम से इस व्यवस्था को लागू करने का निर्देश दिया था। निर्देश के बाद, राज्य के मुख्य सचिव ने पश्चिम बंगाल खनिज विकास व्यापार निगम को प्रत्येक जिले में मामले को देखने का निर्देश दिया। निर्देश दिया गया किसी भी मैनुअल या हस्तलिखित चालान से बालू की आपूर्ति नहीं की जा सकती है। बालू की बढ़ती कीमत के वजह से कहि नासूर न बन जाय क्यों की अगले कुछ ही महीने में नगर निगम चुनाव होने है और बालू की बढ़ते कीमत ही मुद्दा न मिल बिपछ को , इन सब को ध्यान में रख कर सरकार को काम करना पड़ेगा

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