2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व वामदलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था। उसके बावजूद ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने 294 सीटों में से 211 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। तृणमूल कांग्रेस को दो करोड़ 45 लाख 64 हजार 523 यानी 44.91 प्रतिशत वोट मिले थे। भाजपा ने 291 सीटों पर चुनाव लड़कर मात्र 3 सीटें जीती थीं। उसे 55 लाख 55 हजार 134 यानि 10.16 प्रतिशत वोट मिले थे। माकपा ने 148 सीटों पर चुनाव लड़ कर 26 सीटें जीती थीं। पार्टी को एक करोड़ 8 लाख 2 हजार 58 यानी 19.75 प्रतिशत वोट मिले थे।कांग्रेस ने 92 सीटों पर चुनाव लड़कर 44 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को 67 लाख 938 वोट मिले जो 12.25 प्रतिशत थे। ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ कर दो सीटें जीती थीं। उसे 15 लाख 43 हजार 764 यानी 2.82 प्रतिशत वोट मिले थे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 11 सीटों पर चुनाव लड़कर 1 सीटें जीती थीं। उसे 7 लाख 91 हजार 925 यानि 1.45 प्रतिशत वोट मिले थे। रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़कर 3 सीटें जीती थीं। उसे 9 लाख 11 हजार 4 वोट यानी 1.67 प्रतिशत वोट मिले थे।इस तरह से देखें तो 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस वाम मोर्चे के गठबंधन में सबसे अधिक फायदा कांग्रेस को ही हुआ था। कांग्रेस पार्टी ने मात्र 92 सीटों पर चुनाव लड़कर 44 सीटें जीती थीं। जबकि वाम पंथी दल 202 सीटों पर चुनाव लड़कर मात्र 32 सीटें ही जीत पाए थे। 44 सीटें जीतने के कारण कांग्रेस को विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल का दर्जा भी मिला था। हालांकि बाद में कांग्रेस के बहुत से नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो गए। उसके बाद बंगाल में कांग्रेस की हालत बहुत खराब होती चली गई।जहां 2016 के विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के 44 विधायक चुनाव जीते थे। उनकी संख्या घटकर अब मात्र 23 रह गई है। वहीं भाजपा के मात्र 3 विधायक जीते थे जिनकी संख्या बढ़कर 19 हो गई है। माकपा के भी 25 विधायक जीते थे उनकी संख्या भी 19 रह गई है। पिछले 5 वर्षों के दौरान तृणमूल कांग्रेस में विपक्षी दलों के 8 विधायक व भाजपा में 16 विधायक शामिल हो चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा ने लंबी छलांग लगायी व तृणमूल कांग्रेस के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को 42 में से 22 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी। उसे 2 करोड़ 47 लाख 57 हजार 345 वोट मिले थे जो कुल मतदान का 44.91 प्रतिशत थे। भाजपा को 18 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी। जबकि उससे पूर्व बंगाल में भाजपा के मात्र दो सांसद थे। भाजपा को 2 करोड़ 30 लाख 28 हजार 517 वोट मिले थे। जो कुल मतदान का 40.70 प्रतिशत थे। पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को भाजपा से मात्र 2.60 प्रतिशत वोट ही अधिक मिले थे।
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माँ, माटी और मानुष चुनावी नारा तो बना लेकिन तृणमूल के राज में ये सुरक्षित नहीं हैं
- HIND SAMBAD
- December 30, 2020
- 5:09 pm